(बिग बुल व वॉरेन फगेट)
जन्म: | 5 जुलाई, 1960, हैदराबाद ( तेलंगाना ) |
मृत्यु: | 14 अगस्त, 2022, मुम्बई |
पिता: | राधे श्याम झुनझुनवाला |
माता: | उर्मिला झुनझुनवाला |
जीवनसंगी: | रेखा झुनझुनवाला |
बच्चे: | आर्यमन झुनझुनवाला और आर्यवीर झुनझुनवाला पुत्री निष्ठा झुनझुनवाला |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
धर्म : | हिन्दू |
शिक्षा: | सी.ए ,कॉलेज सिडेनहेम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स, मुम्बई |
राकेश झुनझुनवाला भारत के निवेशक एवं शेयर व्यापारी थे। वे पेशे से चार्टर्ड एकाउन्टैन्ट थे। उनकी कम्पनी का नाम 'रेअर इंटरप्राइजेज' है, जिसका पोर्टफोलियो प्रबन्धन राकेश स्वयं करते हैं। झुनझुनवाला को इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट भी कहा जाता है
राकेश झुनझुनवाला ने अकासा के नाम से एक एयरलाइंस कंपनी खोली है। इसको को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल चुका है। अकासा एयरलाइंस ने ग्लोबल एयरोस्पेस कंपनी बोइंग (Boeing) को 72 मैक्स 737 हवाई जहाज (MAX 737 airplanes) का ऑर्डर भी दे दिया है
राकेश झुनझुनवाला ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में बताया था की वो ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के बहुत बड़े निवेशक जॉर्ज सोरोस को अपने घर डिनर पे बुलाते।
झुनझुनवाला ने अपने कॉलेज के दिनों में ही शेयर बाजार में पैसे लगाने शुरू कर दिए थे। हालांकि इनके पिता ने इन्हें उनसे पैसे मांगने या अपने किसी दोस्त से भी पैसे मांगने के लिए मना किया था इसलिए झुनझुनवाला अपने बचाए हुए पैसे को शेयर बाजार में लगाते थे।
सन 1985 में झुनझुनवाला ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी शेयर बाजार में पैसे लगाना शुरू किए थे। जब झुनझुनवाला ने पहली बार शेयर बाजार में निवेश करने का सोचा तो उनके पास बैंक में केवल ₹5000 जमा थे और यह राशि फुल टाइम शेयर बाजार निवेशक बनने के लिए काफी नहीं थे।
इसलिए झुनझुनवाला के भाई ने अपने किसी क्लाइंट से कुछ पैसे उधार लेकर झुनझुनवाला को दिए। उसके बाद से ही झुनझुनवाला ने अपने करियर की शुरुआत की।
1985 में जब झुनझुनवाला ने उधार लिया था तो उन्होंने उन सभी पैसों को शेयर बाजार में लगा दिया था। उन्होंने सबसे पहले टाटा स्टील के शेयरों में निवेश किया था। इन्होंने टाटा टी के शेयरों में केवल ₹5000 का निवेश किया था।
अगले 3 महीनों में टाटा टी के शेयरों में लगभग 3 गुना वृद्धि हो गई। यानी कि उन्होंने ₹43 प्रति शेयर खरीदे थे और 3 महीने बाद वह शेयर 143 रुपए हो गए थे। जब यह शेयर 3 गुना बढ़ गए थे तो उन्होंने तुरंत ही उन शेयरों को 140 ₹ में बेचा और वह ₹5000 से ₹500000 बन गए थे। यह झुनझुनवाला की शेयर बाजार में सबसे बड़ी सफलता थी।
सन 2009 में झुनझुनवाला ने द इकोनॉमिक्स टाइम्स को साक्षात्कार दिया था जहां पर उन्होंने बताया था कि अपनी पहली सफलता के बाद वह शेयर बाजार में कुछ बड़ा निवेश करना चाहते थे परंतु उनके पास 1986 से 1989 तक के 20-25 लाख रुपए तक की ही कमाई थी।
साक्षात्कार में झुनझुनवाला जी ने बताया कि 1986 के बाद से ही कुछ समय तक बाजार की स्थिति ठीक नहीं थी लेकिन फिर भी उन्होंने टाटा पावर के शेयर खरीदे और उन शहरों के माध्यम से इनके पास लगभग 50 – 55 लाख की कमाई आ गई थी।
इसके बाद झुनझुनवाला जी ने इस 5000000 रुपए की कमाई से शीशा गोवा के लगभग चार लाख शेयर खरीद लिए थे और इन्होंने यह शेयर ₹25 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे। जिसमें से इन्होंने 2.5 लाख स्टॉक 50-55 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेच दिए थे।
उसके बाद करीब 100000 शेयर इन्होंने 150 से ₹175 प्रति शेयर के हिसाब से बेचे थे। इससे इनकी स्वार्थ लगभग 2.5 करोड हो गई थी। के बाद से झुनझुनवाला को शेयर बाजार में लगातार सफलताएं मिलती गई और राकेश झुनझुनवाला स्टॉक मार्केट के सबसे बड़े निवेशक बन गए। साथ ही उन्होंने भारत में सबसे अमीर व्यक्तियों में भी अपनी जगह बनाई थी।
2003 में भी राकेश रंजन वाला सीने टाटा ग्रुप की टाइटन कंपनी में निवेश किया था उन्होंने टाइटन कंपनी के लगभग 6 करोड शेयर खरीदे थे और उस समय वह शेयर ₹3 प्रति शेयर के हिसाब से लिए थे। इस समय इन शेयरों की कीमत ₹2472 है। राकेश झुनझुनवाला जी ने लगभग सभी बड़ी-बड़ी कंपनियों में निवेश किया और साथ ही उन्होंने टाटा ग्रुप के भी सभी कंपनियों में निवेश किया है।
राकेश झुनझुनवाला की निवेश शैली कहती थी कि निवेश पहले करो बाद में जांच हो। झुनझुनवाला जी का कहना था कि यदि आपको लगता है कि यह शेयर मेरी कमाई करवा सकता है तो उसे खरीद लेना चाहिए और बाद में उससे संबंधित जांच परख करनी चाहिए। जांच परख करने के बाद यदि वह शेयर सही नहीं होता है तो आप उसे तुरंत ही बेच भी सकते हैं।
इसके साथ उनका यह भी कहना था कि किसी भी कंपनी के शेयर में पैसे निवेश करने से पहले उस कंपनी के चार कारक उत्पाद की मांग, आवश्यक कैपिटल, उद्यमिता और शेयरों की कीमत की जांच जरूर कर लेनी चाहिए। झुनझुनवाला जी ज्यादातर भारत की ही कंपनियों में निवेश करते थे उनका मानना था कि देश बढ़ेगा तो वह भी बढ़ेंगे।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री रखने वाले राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई को 1960 में हुआ था। उनके पिता इनकम टैक्स ऑफिसर थे। शेयर बाजार में उन्होंने कॉलेज के समय से ही निवेश करना शुरू कर दिया था। साल 1985 में 5000 रुपये से अपने निवेश की शुरूआत की थी। फोर्ब्स के अनुसार उस वक्त BSE लगभग 150 अंक था। आज शेयर बाजार 59000 अंक तक पहुंच चुका है। एक इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने बताया था कि अपने पिता की दोस्तों के शेयर बाजार पर हुई चर्चा सुनने के बाद, उनकी शेयर बाजार में रुचि जगी। झुनझुनवाला ने कहा कि उनके पिता उन्हें नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने के लिए कहते थे। उनका कहना था कि अखबारों की खबर से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव दिखता है। फोर्ब्स के अनुसार उनकी इस समय 5.8 अरब डॉलर की नेटवर्थ थी।
साल 1987 में राकेश झुनझुनवाला ने रेखा झुनझुनवाला से शादी की, जो कि खुद एक स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर हैं। साल 2003 में राकेश झुनझुनवाला ने अपनी खुद की स्टॉक ट्रेडिंग फर्म 'रारे' इंटरप्राइजेज शुरू की। रारे इंटरप्राइजेज नाम रखने में उनके पत्नी के नाम का खास कनकेक्शन है। असल में उन्होंने रारे एंटरप्राइजेज में अपने नाम का पहला अक्षर 'रा' से पत्नी के नाम का पहला अक्षर और 'रे' से रखा। राकेश झुनझुनवाला के तीन बच्चे हैं।
कई समय से ही राकेश झुनझुनवाला जी की तबीयत में उतार-चढ़ाव हो रहे थे इसके कारण वह ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भी भर्ती थे। डॉक्टर ने बताया कि झुनझुनवाला जी की किडनी फेल हो गई थी साथ ही साथ उनके शरीर के अन्य अंगों ने भी काम करना बंद दिया था। जिसके कारण 14 अगस्त 2022 को सुबह 6:45 पर झुनझुनवाला जी की मौत हो गई।