जन्म: | बांग्लादेश के हबीगंज जिले के हरिताला गांव, बाहुबल उपजिला |
पिता: | श्रीनाथ गोस्वामी |
माता: | भगवती देवी |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
धर्म : | हिन्दू |
शिक्षा: | योग |
पद्मश्री बाबा शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को हबीगंज के बाहुबल उपजिला के हरितला गांव में हुआ था। पिता श्रीनाथ गोस्वामी माता भगवती देवी। मां, पिता, कुछ साल बड़ी बहन आरती घर-घर भीख मांगकर गुजारा करती थी। अत्यधिक गरीबी के कारण, 4 वर्ष की आयु में, उन्हें नवद्वीप के प्रसिद्ध भिक्षु स्वामी ओस्करानंद को दिया गया था। दो साल बाद, 6 साल की उम्र में, वह भिक्षु के साथ घर लौटा और सुना कि उसकी बहन की भूख से मृत्यु हो गई है। घर आने के 7 दिन बाद उसी दिन माता-पिता की मृत्यु हो गई। स्वामी ओस्करानंद के साथ अपने माता-पिता का श्राद्ध पूरा करने के बाद वह 1901 में नवद्वीप चली गईं।
4 वर्ष की उम्र में अपने परिवार से अलग हो गए बाबा शिवानंद ने 6 वर्ष की उम्र से ही योग को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया। तब से ही उन्होंने पवित्र जीवन जीने की ठानी, वह भी बिल्कुल सामान्य वेशभूषा में और आज तक उसका पालन करते हैं।
बाबा ने बताया कि उनके माता-पिता भीख मांगकर गुजारा करते थे। 4 साल की उम्र में माता-पिता ने बेहतर भविष्य के लिए उन्हें नवद्वीप निवासी बाबा ओंकारनंद गोस्वामी को समर्पित कर दिया। शिवानंद 6 साल के थे, तभी उनके माता-पिता और बहन का भूख के चलते निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने काशी में गुरू के सानिध्य में आध्यात्म की दीक्षा लेनी शुरू की।
126 साल के बाबा शिवानंद के बारे में शिष्यों का दावा है कि वे दुनिया के सबसे बुजुर्ग इंसान हैं। उनके आधार कार्ड और पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है। इस रिकार्ड को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की भी कवायद की जा रही है।
राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित समारोह में पद्म सम्मान के लिए अपने नाम की घोषणा सुनने के बाद अपने स्थान से खड़े हुए बाबा शिवानंद ने राष्ट्रपति के पास पहुंचने तक तीन बार नंदीवत योग की मुद्रा में प्रणाम कर दुनिया का मन मोह लिया। पहले प्रधानमंत्री के सामने दोनों पैर मोड़कर हाथों को आगे कर प्रणाम किया तो प्र.म. मोदी ने भी झुककर उनका अभिवादन किया।
इसके बाद राष्ट्रपति के सामने पहुंचने पर उन्होंने इसी मुद्रा में प्रणाम किया और पास पहुंचने के बाद फिर झुके तो राष्ट्रपति ने उन्हें आगे बढ़कर सहारा दिया। इस घटनाक्रम के जरिए भी बाबा ने योग कला को दुनिया के सामने रखा।
जीवन के 126 वसंत देख चुके बाबा शिवानंद छह वर्ष की आयु से ही संयमित दिनचर्या का पालन कर रहे हैं। पूरी तरह स्वस्थ बाबा ब्रह्म मुहूर्त में तीन बजे ही चारपाई छोड़ देते हैं।
रोजाना अलसुबह स्नान-ध्यान के बाद नियमित एक घंटे योग करते हैं। भोजन में बहुत कम नमक में उबला आलू, दाल का सेवन करते हैं। बाबा के शिष्यों ने बताया कि वे फल और दूध का भी सेवन नहीं करते हैं। उन्होंने विवाह नहीं किया है। उनके मुताबिक, ईश्वर की कृपा से उनको कोई बीमारी और तनाव नहीं है। बाबा शिवानंद की मानें तो वे कभी स्कूल नहीं गए, जो कुछ सीखा वह अपने गुरू से ही। उन्हें अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान है।
बाबा शिवानंद के शिष्य दीपक विश्वास ने बताया कि स्वामीजी वर्ष के 365 दिन ब्रह्म मुहूर्त में ठंडे पानी से स्नान करते हैं। हर मौसम में एक ही जैसे वस्त्र धारण करते हैं। सर्दियों में भी वे कुर्ता और धोती ही पहनते हैं। 126 वर्ष की अवस्था में भी बिना चश्मे के ही स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। सुबह एक घंटे योग के बाद वे एक घंटे तक उसी कमरे में चहलकदमी करते हैं। शाम होने के बाद कुछ भी ग्रहण नहीं करते हैं। रात में 10 बजे वे सोने के लिए जाते हैं।
बाबा शिवानंद के आश्रम अमेरिका, जर्मनी और बांग्लादेश में भी हैं। वे समय-समय पर अपने इन आश्रमों में भी प्रवास के लिए जाते हैं। बाबा शिवानंद ने बताया कि उन्हें मिलने वाले दान को वे गरीबों में ही वितरित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपने मन की बात में कहा, ‘हाल ही में पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवांनद जी को जरूर देखा होगा. 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया हो गया होगा और मैंने देखा, पलक झपकते ही वे नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे. मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुक कर बार-बार प्रणाम किया. योग के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देने वाले बाबा शिवानंद सामान्य आदमी के तरीके से जीवन जीते हुए फिलहाल वाराणसी की कबीर नगर कॉलोनी में रहते हैं. पद्मश्री पुरस्कार ग्रहण करने के दौरान अपनी ऊर्जा के कारण इन दिनों वह देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
'वे बहुत हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं’
इसके आगे प्रधानमंत्री ने कहा, ‘126 वर्ष की आयु और बाबा शिवानंद जी की फिटनेस...दोनों आज देश में चर्चा का विषय बन चुके हैं. मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों का कमेंट देखा कि बाबा शिवानंद अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फिट हैं. वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है. मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूं. उनमें योग के प्रति एक पैशन है और वे बहुत हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं.’