यूक्लिड

यूक्लिड

यूक्लिड

जन्म: 300 ईसा पूर्व
मृत्यु: 275 ईसा पूर्व
राष्ट्रीयता: Greek
शिक्षा: गणितज्ञ एथेंस, ग्रीस
किताबें | रचनाएँ : एलीमेंट्स

प्राचीन यूनान के गणितज्ञ, जिनका ज्यामिति संबंधी कार्य बहुत लंबे समय तक लोकप्रिय रहा, का जन्म ईसा पूर्व 330 के आस-पास हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा एथेंस में हुई थी और बाद में वे मिस्र के एक लोकप्रिय शहर अलेक्जेंड्रिया में गणित पढ़ाने लगे थे। उस काल में यह शहर शिक्षा का एक बहुत बड़ा केंद्र था। उस काल में टोलेमी प्रथम का शासन था। अब तक अनेक विद्वान् गणित विशेष रूप से ज्यामिति के क्षेत्र में अनेक प्रकार का कार्य अनेक संदर्भों में अपने-अपने तरीके से कर चुके थे। यूक्लिड ने इन सबकी रचनाओं का संग्रह व अध्ययन किया और फिर अपने तरीके से ज्यामिति के अध्ययन की डिजाइन तैयार की। उस काल में ज्यामिति की आवश्यकता अनेक कारणों से थी। जमीन के मापन में इसकी आवश्यकता थी। भीषण बारिश के कारण नील नदी में बाढ़ आ जाती थी और जमीन के मापन हेतु लगे निशान नष्ट हो जाते थे। जब राज्य के अधिकारी कर वसूलते थे तो अनेक प्रकार की समस्याएँ खड़ी हो जाती थीं। उस समय त्रिकोण बना-बनाकर जमीन की यथासंभव शुद्ध माप की जाती थी। धीरे-धीरे ज्यामिति को एक व्यावहारिक विज्ञान मान लिया गया और इसका अनुप्रयोग दिशा-ज्ञान, खगोल-शास्त्र तथा पिरामिडों के निर्माण में होने लगा था। यूक्लिड ने थेल्स, पाइथागोरस, प्लेटो सहित सभी यूनानी व मिस्रवासी विद्वानों के कार्य को एकत्रित किया और पुनर्गठित किया। अब इसका ऐसा रूप हो गया कि नए विचार इसमें जुड़ सकते थे। धीरे-धीरे प्रमेयों की संख्या बढ़ती गई। धीरे-धीरे यूक्लिड का कार्य इतना परिपक्व हो गया कि यांत्रिकी, ध्वनि-शास्त्र, प्रकाश विज्ञान, दिशा-ज्ञान और जीव-विज्ञान तथा चिकित्सा-विज्ञान भी यूक्लिड के कार्यों के आधार पर होने लगे।

यूक्लिड की रचना ‘एलीमेंट्स’ 13 खंडों में है और यह ज्यामिति की पाठ्य पुस्तक मानी जाती है। प्राचीन यूनानी भाषा में लिखी गई यह पुस्तक पहले अरबी में अनुवाद की गई और फिर लैटिन में। सन् 1570 में इसका अंग्रेजी में अनुवाद हुआ। यूक्लिड की रचना ‘एलीमेंट्स’ के अलग-अलग खंडों में अलग-अलग विषय हैं। ये विषय अन्य विद्वानों ने विकसित किए थे। उदाहरण के तौर पर, सातवें खंड में अंकगणित है, जिसे ईसा पूर्व 400 में विकसित किया गया था। ‘एलीमेंट्स’ के अतिरिक्त भी यूक्लिड की ज्यामिति संबंधी अन्य रचनाएँ हैं। इनमें से एक डाटा पर और दूसरी डिवीजन पर है। डिवीजन में भाग देने के तरीके बतलाए गए हैं। इसके अरबी व लैटिन संस्करण मिले और सन् 1915 में इसे मूल स्वरूप प्रदान किया गया। इसके अलावा प्राचीन यूनानी ग्रंथों में चार ऐसी पुस्तकों का वर्णन है, जिन्हें यूक्लिड का माना जाता है। इनमें से एक में छात्रों को दी जानेवाली चेतावनियों का वर्णन है, जिन्हें ज्यामिति के अध्ययन के समय उन्हें दिया जाता है। ये चेतावनियाँ ज्यामिति की समस्याओं को हल करते समय हो सकनेवाली भूलों से संबंधित हैं।

इसी तरह ‘कोनिक्स’ में शंकु व उसके परिच्छेदों का वर्णन है। अनुपलब्ध पुस्तकों के बारे में अनुमान है कि ये उच्च स्तर की थीं। यूक्लिड एक उच्च कोटि के गणितज्ञ थे, यह तो दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है, पर यह अवश्य कहा जा सकता है कि वे उच्च कोटि के शिक्षक थे। उनकी रची हुई पुस्तक 2,000 वर्ष से अधिक समय तक ज्यामिति की पाठ्य पुस्तक रही और आइंस्टाइन जैसे विद्वान् गणितज्ञ बचपन में ही इससे प्रभावित हो गए थे। उन्नीसवीं शताब्दी में यूक्लिड की रचनाओं को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा और ज्यामिति में अन्य पाठ्य पुस्तकें तैयार हुईं। तब तक यूक्लिड की ‘एलीमेंट्स’ ‘बाइबिल’ के बाद श्रेष्ठतम रचना मानी जाती रही। जन्म की ही तरह यूक्लिड की मृत्यु के बारे में भी अनुमान ही लगाया जा सकता है। यह माना जाता है कि उनकी मृत्यु ईसा पूर्व 275 में हुई थी।

Share on Social Media:-