
अल्बर्ट आइंस्टीन
जन्म: | उल्म, जर्मनी |
मृत्यु: | 18 अप्रैल, 1955 (संयुक्त राज्य) |
पिता: | हरमन आइंस्टीन |
माता: | पौलीन आइंस्टीन |
जीवनसंगी: | एलसा आइंस्टीन, मिलेवा मेरिक |
बच्चे: | एडुअर्ड आइंस्टीन(So.), हंस अल्बर्ट आइंस्टीन(So.), लिजरल आइंस्टीन(do.) |
राष्ट्रीयता: | जर्मनी |
धर्म : | यहूदी |
शिक्षा: | ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय |
अवॉर्ड: | भौतिकी का नोबेल पुरस्कार |
अल्बर्ट आइंस्टाइन (Albert Einstein) :--
विश्व के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिया। उनका जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ था। आइंस्टाइन ने सापेक्षता का सिद्धांत (Theory of Relativity) प्रस्तुत किया, जिसने विज्ञान की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया। उनका सबसे प्रसिद्ध समीकरण E=mc² (ऊर्जा और द्रव्यमान की तुल्यता) आधुनिक भौतिकी का आधार बना।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:--
आइंस्टाइन का बचपन जिज्ञासु और स्वतंत्र विचारों वाले बालक के रूप में बीता। उन्हें स्कूल की पारंपरिक शिक्षा पद्धति पसंद नहीं थी, लेकिन गणित और विज्ञान में उनकी गहरी रुचि थी। 1896 में उन्होंने ज्यूरिख के स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ETH) में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
वैज्ञानिक योगदान:--
प्रकाश-विद्युत प्रभाव (Photoelectric Effect, 1905) – इस शोध के लिए उन्हें 1921 में नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने बताया कि प्रकाश कणों (फोटॉन्स) के रूप में भी व्यवहार करता है।
विशेष सापेक्षता का सिद्धांत (Special Theory of Relativity, 1905) – इसने समय और स्थान की प्रकृति को नए सिरे से परिभाषित किया।
सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत (General Theory of Relativity, 1915) – इसमें गुरुत्वाकर्षण को अंतरिक्ष-समय के वक्रता के रूप में समझाया गया।
ब्राउनियन गति (Brownian Motion) – परमाणुओं के अस्तित्व को सिद्ध करने में मदद की।
नोबेल पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि:--
1921 में आइंस्टाइन को प्रकाश-विद्युत प्रभाव की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। हालाँकि, उनकी सबसे बड़ी खोज सापेक्षता का सिद्धांत था, जिसने विज्ञान जगत को हिला दिया।
नाज़ी जर्मनी से पलायन और अमेरिका में बसना:--
1933 में हिटलर के सत्ता में आने के बाद, यहूदी होने के कारण आइंस्टाइन को जर्मनी छोड़ना पड़ा। वह अमेरिका चले गए और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में शोध कार्य जारी रखा।
मानवतावादी दृष्टिकोण और राजनीतिक विचार:--
आइंस्टाइन न केवल एक वैज्ञानिक बल्कि एक शांतिवादी और मानवाधिकार समर्थक भी थे। उन्होंने परमाणु हथियारों के विरोध में आवाज़ उठाई और विश्व शांति के लिए प्रयास किए।
निजी जीवन और रुचियाँ:--
उन्हें संगीत से गहरा लगाव था—वह वायलिन बजाते थे। उनका विवाह मिलेवा मैरिक से हुआ, जिसके बाद उन्होंने एल्सा लोवेंथल से दूसरा विवाह किया।
मृत्यु और विरासत:--
18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन में उनका निधन हो गया। उनका दिमाग शोध के लिए संरक्षित किया गया। आज भी उनके सिद्धांत विज्ञान की नींव हैं।
प्रेरणादायक विचार:--
"कल्पना ज्ञान से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।"
"जीवन साइकिल चलाने की तरह है, संतुलन बनाए रखने के लिए आपको चलते रहना होगा।"
"कभी-कभी लोग उन चीज़ों को नहीं समझते जो वे देखते हैं, क्योंकि वे उनकी कल्पना भी नहीं कर सकते।"
आइंस्टाइन ने विज्ञान और मानवता को एक नई दिशा दी। उनकी खोजें आज भी शोधकर्ताओं को प्रेरित करती हैं।
निजी जीवन:--
अल्बर्ट आइंस्टाइन का निजी जीवन: प्रेम, संघर्ष और विचित्रताएँ
अल्बर्ट आइंस्टाइन न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि एक जटिल और रोचक व्यक्तिगत जीवन जीने वाले इंसान भी थे। उनके निजी जीवन में प्रेम, पारिवारिक उथल-पुथल, विवाद और अद्भुत विचित्रताएँ शामिल थीं।
1. बचपन और परिवार:--
आइंस्टाइन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में एक मध्यमवर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था। उनके पिता हरमन आइंस्टाइन एक इंजीनियर और सेल्समैन थे, जबकि माँ पॉलीन आइंस्टाइन संगीतप्रेमी गृहिणी थीं। उनकी एक छोटी बहन माजा थी, जिसके साथ उनका गहरा लगाव था।
बचपन में देरी से बोलना: आइंस्टाइन बचपन में देर से बोले थे, जिसके कारण उनके माता-पिता चिंतित रहते थे। कहा जाता है कि उन्होंने पहला पूरा वाक्य 4 साल की उम्र में बोला था।
कम्पास वाली घटना: 5 साल की उम्र में उन्हें एक कम्पास दिखाया गया, जिसकी सुई हमेशा उत्तर की ओर इशारा करती थी। इसने उनके मन में प्रकृति के रहस्यों को जानने की जिज्ञासा जगाई।
स्कूल से मोहभंग: उन्हें जर्मन शिक्षा प्रणाली पसंद नहीं थी, क्योंकि वह रटंत प्रणाली पर आधारित थी। 15 साल की उम्र में वह जर्मनी छोड़कर इटली चले गए, जहाँ उनके पिता काम करते थे।
2. पहला विवाह: मिलेवा मैरिक:--
आइंस्टाइन ने मिलेवा मैरिक (Mileva Marić) से विवाह किया, जो एक सर्बियाई भौतिक विज्ञानी थीं और ETH (ज्यूरिख) में उनकी सहपाठी थीं।
रोमांस और विवाह:--
दोनों की मुलाकात 1896 में ज्यूरिख पॉलिटेक्निक में हुई।
मिलेवा गणित और भौतिकी में बहुत तेज थीं, लेकिन उन्हें पुरुष-प्रधान वैज्ञानिक समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ा।
आइंस्टाइन ने उन्हें पत्रों में "मेरी छोटी बिटिया" और "मेरी जंगली बिल्ली" जैसे प्यार भरे नामों से संबोधित किया।
1902 में उनकी एक बेटी लिसरल हुई, जिसके बारे में बहुत कम जानकारी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वह गोद दे दी गई या बचपन में ही मर गई।
1903 में आइंस्टाइन और मिलेवा ने शादी कर ली।
तलाक का कारण:--
शादी के बाद मिलेवा ने अपना करियर छोड़ दिया और घर संभाला।
आइंस्टाइन का ध्यान वैज्ञानिक शोध में लगा रहा, जबकि मिलेवा अकेलापन और उपेक्षा महसूस करने लगीं।
1914 में आइंस्टाइन बर्लिन चले गए, जबकि मिलेवा और उनके दो बेटे (हंस अल्बर्ट और एडुआर्ड) स्विट्ज़रलैंड में रहे।
1919 में उनका तलाक हो गया। तलाक की शर्तों के तहत, आइंस्टाइन ने मिलेवा को अपने नोबेल पुरस्कार की पुरस्कार राशि देने का वादा किया, जो उन्हें 1921 में मिली।
3. दूसरा विवाह: एल्सा लोवेंथल:--
तलाक के कुछ ही समय बाद, आइंस्टाइन ने अपनी चचेरी बहन एल्सा लोवेंथल (Elsa Löwenthal) से शादी कर ली।
रिश्ते की विचित्रता:--
एल्सा आइंस्टाइन से 3 साल बड़ी थीं और उनकी माँ की चचेरी बहन की बेटी थीं (यानी वह उनकी दूसरी चचेरी बहन भी थीं)।
एल्सा ने पहले शादी की थी और उनकी दो बेटियाँ (इल्से और मार्गोट) थीं, जिन्हें आइंस्टाइन ने अपनाया।
एल्सा ने आइंस्टाइन के जीवन को स्थिर किया और उनकी सार्वजनिक छवि को संभाला।
वैवाहिक जीवन:--
एल्सा ने आइंस्टाइन के काम में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन उनके व्यक्तिगत जीवन को संभाला।
आइंस्टाइन ने अपनी पत्नी को "एक सुविधाजनक साथी" के रूप में देखा, न कि एक रोमांटिक पार्टनर के रूप में।
1936 में एल्सा की मृत्यु हो गई।
4. प्रेम संबंध और विवाद:--
आइंस्टाइन के जीवन में कई महिलाओं से रिश्ते रहे, जिनमें से कुछ विवादास्पद थे:
एस्थर सैला (Estella Kahn):--
आइंस्टाइन ने 1911 में बर्लिन में एक विधवा महिला के साथ संबंध बनाए, जिसके बारे में मिलेवा को पता चला तो वह क्रोधित हो गईं।
बेटीना ब्रेंटानो (Bettina Brentano)
एक सामाजिक कार्यकर्ता, जिसके साथ उनके करीबी रिश्ते थे।
मार्गरीता कोनेंकोवा (Margarita Konenkova)
एक रूसी जासूस, जो प्रिंसटन में आइंस्टाइन के करीब आई। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, वह सोवियत संघ के लिए जानकारी जुटा रही थी।
5. बच्चों के साथ संबंध:--
आइंस्टाइन के दो बेटे थे:
हंस अल्बर्ट आइंस्टाइन (Hans Albert Einstein, 1904-1973)
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बने।
पिता के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण थे, लेकिन बाद में सुलह हो गई।
एडुआर्ड आइंस्टाइन (Eduard Einstein, 1910-1965)
बचपन से ही प्रतिभाशाली थे, लेकिन युवावस्था में सिज़ोफ्रेनिया का शिकार हो गए।
उन्हें मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ 1965 में उनकी मृत्यु हो गई।
6. आइंस्टाइन की दिनचर्या और आदतें:--
संगीत प्रेम: वह वायलिन बजाते थे और मोजार्ट को पसंद करते थे।
सादगी पसंद: उन्हें फैशन या लक्जरी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा बिना मोजे के जूते पहनते थे!
धूम्रपान: उन्हें पाइप पीने का शौक था।
हास्यप्रिय: वह मजाकिया स्वभाव के थे और मीडिया के सामने चुटकुले सुनाते थे।
7. मृत्यु और अंतिम समय:--
18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन अस्पताल में पेट की महाधमनी फटने से उनकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले उन्होंने कहा:
"मैंने अपना हिस्सा पूरा कर लिया है, अब मैं चला जाऊँगा। मैं इसे खूबसूरती से करूँगा।"
उनके शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन उनकी आँखें और मस्तिष्क शोध के लिए संरक्षित कर लिए गए।
प्रसिद्ध समीकरण:--
आइंस्टाइन का प्रसिद्ध समीकरण: E=mc² – ऊर्जा और द्रव्यमान की अद्भुत समानता
अल्बर्ट आइंस्टाइन का E=mc² विज्ञान के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध समीकरण है। यह सरल दिखने वाला फॉर्मूला ब्रह्मांड के सबसे गहरे रहस्यों में से एक को उजागर करता है—द्रव्यमान (मास) और ऊर्जा (एनर्जी) वास्तव में एक ही चीज़ के दो रूप हैं!
1. समीकरण का अर्थ (E=mc² क्या है?)
E = Energy (ऊर्जा)
m = Mass (द्रव्यमान)
c = Speed of Light (प्रकाश की गति, लगभग 3 × 10⁸ मीटर/सेकंड)
सरल भाषा में:
"किसी भी वस्तु का द्रव्यमान (m), प्रकाश की गति के वर्ग (c²) से गुणा करने पर, उस वस्तु में निहित ऊर्जा (E) के बराबर होता है।"
यानी, थोड़े से द्रव्यमान से भारी मात्रा में ऊर्जा निकल सकती है!
2. इस समीकरण की खोज कैसे हुई?:--
आइंस्टाइन ने यह समीकरण 1905 में अपने "विशेष सापेक्षता सिद्धांत" (Special Theory of Relativity) के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया। यह उनके "चमत्कारी वर्ष" (Miracle Year) की महान उपलब्धियों में से एक था, जब उन्होंने चार क्रांतिकारी शोधपत्र प्रकाशित किए।
मुख्य अवधारणाएँ:--
द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता: पदार्थ और ऊर्जा एक-दूसरे में बदल सकते हैं।
प्रकाश की गति (c) की भूमिका: यह ब्रह्मांड की "स्पीड लिमिट" है और ऊर्जा-द्रव्यमान रूपांतरण का स्केल फैक्टर है।
3. E=mc² के व्यावहारिक उदाहरण
(A) परमाणु बम और नाभिकीय ऊर्जा
इस समीकरण ने परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) को समझने की नींव रखी।
जब यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिक टूटते हैं, तो उनका थोड़ा-सा द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाता है (Hiroshima-Nagasaki बम इसी सिद्धांत पर काम करते थे)।
1 ग्राम पदार्थ को पूरी तरह ऊर्जा में बदलने पर 90,000,000,000,000 (90 ट्रिलियन) जूल ऊर्जा मिलेगी! (लगभग 21,000 टन TNT के बराबर)।
(B) सूर्य और तारों की ऊर्जा
सूर्य में हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर हीलियम बनाते हैं (Nuclear Fusion)।
इस प्रक्रिया में 0.7% द्रव्यमान ऊर्जा में बदलता है—यही सूर्य की चमक और गर्मी का स्रोत है!
(C) पॉज़िट्रॉन उत्सर्जन टोमोग्राफी (PET Scan)
मेडिकल साइंस में, E=mc² का उपयोग कैंसर डायग्नोसिस के लिए होता है।
इलेक्ट्रॉन और पॉज़िट्रॉन के टकराने पर उनका द्रव्यमान शुद्ध ऊर्जा (गामा किरणों) में बदल जाता है।
4. गहराई से समझें: E=mc² क्यों सही है?
(A) न्यूटन के नियमों की सीमा
न्यूटन का मानना था कि द्रव्यमान और ऊर्जा अलग-अलग हैं।
आइंस्टाइन ने दिखाया कि द्रव्यमान स्वयं ऊर्जा का एक संघनित रूप है।
(B) सापेक्षता का प्रभाव
जब कोई वस्तु प्रकाश की गति के नज़दीक चलती है, उसका द्रव्यमान बढ़ता है (क्योंकि उसकी गतिज ऊर्जा द्रव्यमान में बदलने लगती है)।
c² (प्रकाश की गति का वर्ग) इस रूपांतरण का "कन्वर्जन फैक्टर" है।
5. आम भ्रांतियाँ और सच्चाई
भ्रांति सच्चाई
"E=mc² सिर्फ परमाणु बम के लिए है।" यह सभी ऊर्जा-द्रव्यमान रूपांतरणों पर लागू होता है, जैसे सूर्य की ऊर्जा।
"द्रव्यमान पूरी तरह ऊर्जा में बदल सकता है।" सामान्य परिस्थितियों में पूरा द्रव्यमान नहीं बदलता (नाभिकीय प्रतिक्रियाओं में भी 1% से कम)।
"यह समीकरण सिर्फ भौतिकी के लिए है।" इसने दर्शन, ब्रह्मांड विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी प्रभावित किया।
6. E=mc² का दार्शनिक महत्व
यह समीकरण "ब्रह्मांड की एकता" को दर्शाता है—ऊर्जा और पदार्थ अलग नहीं, बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
आइंस्टाइन ने कहा:--
"द्रव्यमान ऊर्जा का एक पिण्ड है, ऊर्जा द्रव्यमान का एक क्षेत्र है—दोनों में कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है।"
"कल्पना कीजिए... एक माचिस की तीली के द्रव्यमान को पूरी तरह ऊर्जा में बदल दें—तो आपको न्यूयॉर्क शहर को एक महीने तक रोशन करने लायक बिजली मिल जाएगी!"
रोचक व्यक्तिगत जीवन:--
अल्बर्ट आइंस्टाइन का रोचक व्यक्तिगत जीवन: वैज्ञानिक से ज्यादा एक 'मस्तमौला' इंसान
अल्बर्ट आइंस्टाइन सिर्फ एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक अटपटे, जिद्दी और मजेदार इंसान भी थे। उनका निजी जीवन उनके सिद्धांतों जितना ही दिलचस्प था।
आइए जानते हैं उनके जीवन के कुछ ऐसे कमाल के पहलू, जो आपको हैरान कर देंगे!
1. "मस्तिष्क की बजाय पेट से सोचने वाले" आइंस्टाइन
आइंस्टाइन का मानना था कि "मैं अपने दिमाग से नहीं, पेट से सोचता हूँ!"
वह जीन्स और बिना मोजे के जूते पहनकर घूमते थे। जब लोगों ने पूछा कि "मोजे क्यों नहीं पहनते?", तो उन्होंने जवाब दिया:
"मोजे पहनने से मेरी उँगलियों में छेद हो जाते हैं... फिर वे बेकार हो जाते हैं!"
2. नौकरी के लिए भटकता युवा आइंस्टाइन
PhD के बाद आइंस्टाइन को 2 साल तक कोई नौकरी नहीं मिली। वह ट्यूशन पढ़ाकर गुजारा करते थे।
1902 में एक दोस्त की मदद से उन्हें स्विस पेटेंट ऑफिस में तकनीकी विशेषज्ञ की नौकरी मिली। यहीं पर, ऑफिस के बाद के समय में, उन्होंने 1905 का चमत्कारी वर्ष (Miracle Year) की खोजें कीं!
3. नोबेल पुरस्कार की राशि... पत्नी को तलाकनामे में दे दी!
आइंस्टाइन ने अपनी पहली पत्नी मिलेवा से तलाक लेते समय एक अजीब शर्त रखी:
"अगर मुझे नोबेल पुरस्कार मिला, तो उसकी पूरी राशि तुम्हें मिलेगी।"
1921 में जब उन्हें फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट पर नोबेल मिला, तो उन्होंने वादा निभाया और मिलेवा को 1,20,000 स्विस फ़्रैंक दिए!
(क्योंकि उन्हें पता था कि सापेक्षता सिद्धांत पर नोबेल नहीं मिलेगा—यह बहुत विवादास्पद था!)
4. अमेरिका को "बच्चों जैसा देश" कहने वाला आइंस्टाइन
जब वह अमेरिका पहुँचे, तो उन्होंने कहा:
"अमेरिका एक बड़ा बच्चा है... यहाँ लोग पैसे को लेकर बहुत उत्साहित हैं, पर विज्ञान को लेकर नहीं!"
उन्हें अमेरिकी फैशन और भौतिकवादी संस्कृति बिल्कुल पसंद नहीं थी।
5. इजरायल के राष्ट्रपति पद का ऑफर ठुकराया!
1952 में इजरायल के प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन ने उन्हें राष्ट्रपति बनने का ऑफर दिया।
आइंस्टाइन ने मना करते हुए कहा:
"मैं एक वैज्ञानिक हूँ, राजनीति के लिए मेरे पास न तो दिमाग है, न अनुभव!"
6. FBI ने 22 साल तक किया जासूसी, क्योंकि...
अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI को लगता था कि आइंस्टाइन कम्युनिस्ट हैं और वह परमाणु बम बनाने में मदद कर रहे हैं!
उन पर 1,400 पन्नों की फाइल बनाई गई, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।
आइंस्टाइन ने मजाक में कहा:
"अगर मैं जासूस होता, तो मैं FBI में नौकरी करता... वैज्ञानिक बनकर इतना पैसा नहीं मिलता!"
7. बच्चों को प्यार, पर अपने बेटे से नाराजगी
आइंस्टाइन को बच्चों से बहुत प्यार था। वह अक्सर प्रिंसटन में बच्चों को समझाते हुए दिखते थे।
लेकिन अपने बड़े बेटे हंस अल्बर्ट से उनके रिश्ते खराब थे, क्योंकि उसने इंजीनियरिंग चुनी—आइंस्टाइन चाहते थे कि वह भौतिक विज्ञानी बने!
8. मौत के बाद भी रहस्य: चोरी हो गया दिमाग!
आइंस्टाइन की मृत्यु के 7 घंटे बाद, प्रिंसटन के डॉक्टर थॉमस हार्वे ने बिना इजाजत उनका दिमाग निकाल लिया!
उसने दिमाग को टुकड़ों में काटकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों को भेजा... यह सिलसिला 40 साल तक चला!
1998 में हार्वे ने दिमाग का बचा हुआ हिस्सा प्रिंसटन अस्पताल को लौटाया... जहाँ आज भी यह संरक्षित है!
निष्कर्ष:--
"दुनिया का सबसे दिलचस्प वैज्ञानिक"
आइंस्टाइन सिर्फ गणित के समीकरणों वाला गंभीर वैज्ञानिक नहीं थे—वह एक जिद्दी, मजाकिया और अटपटे इंसान थे, जिन्होंने अपने तरीके से जिंदगी जी। उनके जीवन से सीख:
"जिंदगी को गंभीरता से लेना जरूरी नहीं... कभी-कभी बिना मोजे के जूते पहनकर भी दुनिया बदली जा सकती है!
Albert Einstein :--
Early life and education:--
Scientific contribution:--
Nobel Prize and International Fame:--
Personal Life and Interests:--
Inspirational Thoughts:--
"Imagination is more important than knowledge."
"Life is like riding a bicycle, to maintain balance you have to keep moving."
"Sometimes people don't understand the things they see, because they can't imagine them."
Einstein gave a new direction to science and humanity. His discoveries inspire researchers even today.
Personal life:--
2. First marriage: Mileva Marić:--
Reason for divorce:-
3. Second Marriage: Elsa Löwenthal:--
Einstein refused and said:--
"I am a scientist, I have neither the brain nor the experience for politics!"
6. The FBI spied on him for 22 years, because...
The American intelligence agency FBI thought that Einstein was a communist and that he was helping to make the atomic bomb!
A 1,400-page file was made on him, but no evidence was found.
"If I were a spy, I would work in the FBI... I would not get so much money by being a scientist!"