कपिल देव

कपिल देव

कपिल देव

(द हरयाणा हरिकेन, पाजी)

जन्म: 6 जनवरी सन् 1959 चंडीगढ़, भारत
पिता: रामलाल निखंज
माता: राजकुमारी
जीवनसंगी: रोमी भाटिया
बच्चे: अमिया देव
राष्ट्रीयता: भारतीय
धर्म : हिन्दू
शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा डी. ए. वी. स्कूल
अवॉर्ड: अर्जुन पुरस्कार – 1959-80, पद्म भूषण – 1991

जीवन परिचय:--

कपिलदेव रामलाल निखंज भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों में उनकी गणना होती है। वे भारतीय क्रिकेट के कप्तान के पद पर रह चुके हैं। 1963 के क्रिकेट विश्वकप में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे और उनके नेतृत्व में टीम ने विश्वकप जीतने का गौरव प्राप्त किया। वे विस्डेन द्वारा वर्ष 2002 में 'सदी के भारतीय क्रिकेटर' चुने गये। वे 10 माह के लिये भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशिक्षक भी रहे थे।

कपिलदेव का जन्म चंडीगढ़ में हुआ। उनका विवाह रोमी भाटिया से सन 1980 में हुआ। उनकी बेटी, अमिया देव का जन्म 16 जनवरी, 1996 को हुआ।

क्रिकेट:--

उन्होंने अपने क्रिकेट करीयर की शुरुआत 1975 में हरियाणा की ओर से पंजाब के विरुद्ध घरेलू क्रिकेट से करी। वे एक ओल राउन्डर थे जोकि दायें हाथ से बल्लेबाज़ी एवं तेज़ गेन्दबाज़ी भी करते थे। उनका अन्तर-राष्ट्रीय व्यवसाय पाकिस्तान के विरुध फैस्लाबाद में 16 अक्टूबर 1978 को हुआ। हालान्कि यह दौरा उनके लिये कुछ अच्छा न रहा, परन्तु आने वाले समय में उन्होंने अपने उन्दा प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह सुनिशचित कर ली। श्री-लंका के विरुध 1982-83 में उन्होंने अपनी कप्तानी में प्रथम प्रवेश किया। जब उन्हे विश्व कप की कप्तानी का अवसर मिला तो वे एक औसत खिलाडी ही थे, परन्तु अपने आश्चर्या-जनक प्रदर्श्न से तथा अपनी टीम के सहयोग से भारत को पेह्ला विश्व कप जिताया और रातो-रात ही भार्तीय इतिहास का चमकता सितारा बन गये। मोहम्मग अज़हरुद्दीन की कप्तानी में उन्होंने 1992 के विश्व कप में अपना आखरी अन्तर-राष्ट्रिया खेल खेला। उन्होंने अपने क्रिकेट व्यवसाय में एक दिवसीय क्रिकेट में 225 और टेस्ट क्रिकेट में 131 मैच खेले। एक दिवसीय क्रिकेट में उन्होंने 23.79 की औसत से 3873 रन बनाये तथा टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 31.05 की औसत से 5248 रन बनाये। गेन्दबाज़ी करते हुए उन्होंने एक दिवसीय तथा टेस्ट क्रिकेट में 253 तथा 434 विकेट लिये क्रमश:। 1983 के विश्व कप में ज़िमबाब्वे के विरुद्ध उनकी 175 रन की पारी यादगार रहेगी जिस्की बदौलत भारत वह मैच जीता। उन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में 1 और टेस्ट क्रिकेत में 8 शतक लगायी है।

सेवानिवृत्ति के पशचात:--

कपिल देव ने 1994 में अन्तर-राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 1999 में उन्हे भारतीय क्रिकेट टीम का कोच चुना गया। उन्की अवधि के दौरान भारत का प्रदर्शन खास न रहा जिस्मे वे केवल एक टेस्ट मैच जीते और औसट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के विरुध दो बडी सीरीज़ हारे। मनोज प्रभाकर द्वारा सट्टेबाज़ी में फसाये जाने के बाद उन्होंने अपने कोच के पद को त्याग दिया। 2005 में उन्होंने खुशी नामक एक राष्ट्रीय सरकारी संगठन की स्थाप्ना की। अभी वे उसके अध्यक्ष है। खुशी दिल्ली में कम विशेषाधिकृत बच्चो के लिये तीन विद्यालय चलाती है। 24 सितम्बर 2008 को उन्होंने भारतीय प्रादेशिक सेना में भाग लिया और उन्हे लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में चुना गया।

पुरस्कार:--

सन् 1979-80 के सत्र में क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से इन्हें भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला अर्जुन पुरस्कार दिया गया !

ये पुरस्कार सरकार उन खिलाड़ी को देती हैं जिन्होंने किसी भी खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो !

उसके 1982 के दौरान भारत ने कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर पद्म श्री का पुरस्कार भी इन्हें दिया. इतना ही नहीं इनको एक साल बाद यानी कि सन् 1983 विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का सम्मान दिया गया, जिसका आधार इनकी विश्व-कप में जबरदस्त प्रदर्शन को माना जाता है !

इन्होंने 1994 में रिचर्ड हेडली का टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का रिकार्ड तोड़ दिया था !

इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में अपने 4000 रन पूरे करने वाले अभी तक के विश्व के उच्चतम खिलाड़ी हैं !

सन् 1991 में कपिल देव के योगदान एवं लगन को सम्मानित करने के लिए पद्म भूषण जैसा उच्चतम पुरस्कार दिया गया !

इसके बाद सन् 2002 में सदी के विज्डन भारतीय क्रिकेटर के सम्मान को देकर इनका दर्जा क्रिकेट की दुनिया में और बड़ा दिया गया !

सन् 2010 आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार देकर इनकी प्रतिभा को सम्मानीय दर्जा दिया गया !

इसके तीन साल बाद सन् 2013 एनडीटीवी द्वारा भारत में 25 सबसे महान वैश्विक जीवित महापुरूष का खिताब दिया गया !

भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कपिल देव ने सन् 2008 भारतीय क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण कर लिया !

भारतीय सेना का अधिक सम्मान करने की वजह से इन्होंने ऐसा किया था !

कपिल देव के जीवन पर आधारित फिल्म :--

भारतीय सिनेमा के मशहूर निर्देशक कबीर खान ने कपिल देव की बायोपिक बनाने का  काम शुरू कर दिया है. जब कपिल देव से पूछा गया था कि आपका किरदार किस अभिनेता को दिया जाना चाहिए, तो उन्होंने रणवीर सिंह का नाम लिया था. फैंटम प्रोडक्शन एवं अनुराग बासु के साथ अन्य लोगों ने भी इस फिल्म पर अपना पैसा लगाया है. जिसमें रणवीर सिंह को कपिल देव की भूमिका में अभिनय करते हुए देखा जाएगा.

कपिल देव के जीवन के रोचक तथ्य :--

कपिल देव ने व्यापार करने के लिए कैप्टन्स एलेवेन नाम से सन् 2006 में दो रेस्टोरेंट खोले जिनमें एक चंडीगढ़ में हैं और दूसरा पटना में मौजूद है, जिनको ये खुद संभालते हैं

कपिल देव एक ऐसे खिलाडी हैं, जिन्होंने दो से अधिक फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाई हैं. जिनके नाम ‘इकबाल’ दूसरी ‘मुझसे शादी करोगी’ एवं ‘ये दिललगी है’

कपिल देव की रूचि किताबें लिखने में भी बहुत है, इसलिए इन्होंने अभी तक तीन आत्मकथाएं लिखी है, जिनके नाम ‘गोड्स डिक्री’, ‘क्रिकेट माय स्टाइल’ एवं ‘स्ट्रैट फ्रॉम माय हार्ट’ शामिल हैं

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