जन्म: | 20 जून 1958 आयु: मयूरभंज, उड़ीसा, भारत |
पिता: | बिरांची नारायण टुडू |
जीवनसंगी: | श्याम चरण मुर्मू |
बच्चे: | 2 पुत्र (भगत टुडु ,सारनी टुडु), 1 पुत्री (इतिश्री मुर्मू) |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
धर्म : | हिन्दू |
शिक्षा: | बीए, रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा |
अवॉर्ड: | 2007 नीलकंठ पुरस्कार |
द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में सेवारत एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्या थी। वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने वाले जनजातीय समुदाय से संबंधित पहली व्यक्ति हैं। मुर्मू, प्रतिभा पाटिल के बाद भारत की राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाली दूसरी महिला हैं।प्रबुद्ध सोसाइटी द्रौपदी मुर्मू को प्रबुद्ध महिला सम्राट से अलंकृत किया है! राष्ट्रपति पद को संभालने वाली ओडिशा की द्वितीय व्यक्ति हैं और देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। मुर्मू भारत की आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने 2000 से 2004 के बीच ओड़िशा सरकार के मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों में सेवा दी। 2015 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु था। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे।
उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हुए। दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया। उसके बाद धीरे-धीरे राजनीति में आ गयीं।
द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया था।
उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं है।
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में भाजपा के टिकट पर दो बार जीती और विधायक बनीं। ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया था
द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं[3]। उन्होंने सैयद अहमद की जगह ली थी। झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई थी।
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा। साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी भी हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांकन किया, उनके नामांकन में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने।
2022 में भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में भारत के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करने वाली द्रौपती मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला बनीं।
उनके नाम की घोषणा के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया,
लाखों लोग, विशेष रूप से वह जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और कठिनाइयों का सामना किया है, श्रीमती के जीवन से बहुत ताकत मिलती है। द्रौपदी मुर्मू जी के नीतिगत मामलों उनकी समझ और दयालु स्वभाव से हमारे देश को बहुत फायदा होगा।”
द्रौपदी मुर्मू को वर्ष 2007 में ओडिशा विधान सभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।