लक्ष्मी निवास मित्तल

लक्ष्मी निवास मित्तल

लक्ष्मी निवास मित्तल

(लक्ष्मी निवास)

जन्म: 15 जून 1950, शादूलपुर, चूरु, राजस्थान
पिता: मोहन लाल मित्तल
माता: गीता मित्तल
जीवनसंगी: उषा मित्तल
बच्चे: आदित्य मित्तल और वनीशा मित्तल
राष्ट्रीयता: भारतीय
धर्म : हिन्दू
शिक्षा: सेँट एक्सवियर कॉलेज, कोलकाता
अवॉर्ड: भारत सरकार द्वारा पद्दम विभूषण (2008)

लक्ष्मी मित्तल का शुरूआती जीवन :--

लक्ष्मी मित्तल का जन्म 2 जून 1950 को राजस्थान के चुरू शहर में हुआ था. इनका परिवार राजस्थान के बाद कोलकाता चला गया और वहीँ रहने लगा. मित्तल के दो भाई भी हैं – प्रमोद मित्तल और विनोद मित्तल. लक्ष्मी मित्तल ने साल 1957 से 1964 तक श्री दौलतराम नोपानी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की. उसके बाद कोलकाता के सेंट जेविअर्स कॉलेज से वाणिज्य और बिजनेस एंड अकाउंटेंट में ग्रेजुएट किया. उनके पिता मोहनलाल मित्तल का इस्पात का कारोबार था ”’निप्पन डेनरो इस्पात.

लक्ष्मी मित्तल भारतीय मूल के उद्द्योगपति हैं और लंदन में रहते हैं. लक्ष्मी मित्तल विश्व के सबसे धनी भारतीय व्यक्ति हैं. लक्ष्मी मित्तल विश्व के 5वें सबसे धनी व्यक्ति हैं. मित्तल एल. एन. एम. नामक उद्योग समूह के मालिक हैं. यह समूह इस्पात का कारोबार करता हैं. लक्ष्मी मित्तल विदेश में रहते हुए भी भारत की नागरिकता ग्रहण किये हुए हैं. लक्ष्मी मित्तल बहुराष्ट्रीय स्टील कंपनी मित्तल स्टील के प्रमुख हैं जो पुरे विश्व में स्टील की विशालतम उत्पादक हैं.

लक्ष्मी मित्तल की निजी जिंदगी :--

लक्ष्मी मित्तल वर्तमान में लंदन में रहते हैं वहां उनका निवास पैलेस गार्डन हैं. यह मित्तल ने फार्मूला वन के मालिक बर्नी एक्स्लेस्तों से 2004 में खरीदा था इसे 12 करोड़ 80 लाख अमेरिकी डॉलर में खरीदा था. उस समय यह घर काफी महंगा था. 2008 में उन्होंने अपनी पुत्री वनीशा के विवाह में लंदन में एक घर उपहार स्वरुप प्रदान किया था. जिसकी कीमत 7 करोड़ ब्रिटिश पौंड थीं. उसके बाद मित्तल ने भारत की राजधानी दिल्ली में डॉ कलाम मार्ग पर एक संपति खरीदी थीं जिसकी कीमत 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर थीं.

शिक्षा :-

सन 2003 में लक्ष्मी निवास मित्तल और उषा मित्तल फाउंडेशन ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर जयपुर में ‘एल.एन.एम. इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की। यह एक स्वायत्त और लाभ-निरपेक्ष संस्थान है।

लक्ष्मी निवास मित्तल फाउंडेशन ने एस.एन.डी.टी. विमेंस यूनिवर्सिटी के ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी फॉर वीमेन’ को चंदे में एक बड़ी धन-राशि दी जिसके बाद संस्थान का नाम बदलकर ‘उषा मित्तल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ कर दिया गया।

वयवसाय:--

भारत सरकार द्वारा स्टील के उत्पादन पर नियंत्रण के वजह से 26-वर्षीय लक्ष्मी निवास मित्तल ने सन 1976 में अपना पहला स्टील कारखाना ‘पी.टी. इस्पात इंडो’ इंडोनेशिया के सिदोअर्जो में स्थापित किया। 1990 के दशक तक भारत में मित्तल परिवार के परिसंपत्ति के रूप में नागपुर में शीट स्टील्स की एक कोल्ड रोलिंग मिल और पुणे के पास एक एलाय स्टील संयन्त्र था। आज के समय में भारत में मित्तल परिवार का व्यवसाय (जिसमें मुंबई के पास एक विशाल इंटीग्रेटेड स्टील संयन्त्र शामिल है) विनोद और प्रमोद मित्तल चलाते हैं पर लक्ष्मी का इन व्यवसायों से कोई लेना-देना नहीं है।

मार्च 2008 में फोर्ब्स मैगजीन ने लक्ष्मी मित्तल को दुनिया के चौथे सबसे धनी शख्स का खिताब दिया। लक्ष्मी एशिया के सबसे धनी इंसान बताए गए।

वर्तमान में लक्ष्मी मित्तल आर्सेलर मित्तल स्टील कंपनी के सीईओ और चेयरमैन हैं। इसके अलावा वह ईएडीएस, आईसीआईसीआई बैंक और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स के गैर-कार्यकारी निदेशक भी हैं। सन 2008 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

लक्ष्मी मित्तल को सम्मान और पुरस्कार :--

*. 2008 में फोब्स पत्रिका द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया था.

*. साल 2007 में किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा फेलोशिप प्रदान की गयी थीं.

*. साल 2004 में द वाल स्ट्रीट जनरल द्वारा इन्तेर्प्रेन्योर ऑफ द ईयर चुने गये थे.

*. 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्दम विभूषण प्रदान किया गया था.

लक्ष्मी निवास मित्तल के अनमोल सुविचार:--

  • यदि आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको आम लोगों से हटकर कुछ अलग करना होगा।
  • व्यवसायिक जीवन में, सबसे पहले, आप जो कुछ भी कर रहे हैं उसके लिए आपको प्रतिबद्धता, समर्पण और जुनून की आवश्यकता होती है।
  • ज्ञान कुंजी है। आगे बढ़ने के लिए इस ज्ञान रूपी कुंजी का प्रयोग अवश्य करें।
  • साहसिक निर्णय एक बहुत ही परिवर्तनकारी निर्णय हो सकता है।  विश्लेषण करें और साहसिक निर्णय लें।
  • आर्थिक संकट के दौरान, हमेशा रोमांचक अवसर रहे हैं और ऐसा हमेशा होता रहेगा।
  • हर किसी व्यक्ति को मुश्किल समय का सामना करता हैं, यह आपके दृढ़ संकल्प और समर्पण को नापने का एक तरीका भी हैं कि आप उस स्थिति के साथ कैसे निपटते हैं और आप उस मुश्किल समय को कैसे पीछे छोड़ सकते हैं।

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