
रेखा गुप्ता
(रेखा गुप्ता)
जन्म: | जींद, हरियाणा |
पिता: | जयभगवान जिंदल |
माता: | उर्मिला जिंदल |
जीवनसंगी: | मनीष गुप्ता |
बच्चे: | निकुंज गुप्ता और बेटी हर्षिता गुप्ता |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
धर्म : | जैन |
शिक्षा: | दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज |
रेखा गुप्ता जीवन परिचय :--
रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। वह शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुनी गई हैं।
राजनीतिक करियर :--
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में, रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) में महासचिव और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य और दिल्ली राज्य इकाई की महासचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
मुख्यमंत्री के रूप में, रेखा गुप्ता ने गृह, वित्त, योजना, और सतर्कता जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे हैं। उनकी कैबिनेट में प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है, जिन्हें शिक्षा, परिवहन, और लोक निर्माण विभाग (PWD) की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दिल्ली की राजनीति में रेखा गुप्ता का उदय उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और नेतृत्व कौशल का प्रमाण है। उनकी नियुक्ति से भाजपा ने दिल्ली में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित किया है, जो पार्टी की समावेशी राजनीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले, रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक निवास, जिसे 'शीशमहल' कहा जाता है, को एक संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा। यह निर्णय पारदर्शिता और सार्वजनिक धन के उचित उपयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रेखा गुप्ता की नियुक्ति से दिल्ली में भाजपा की नई सरकार को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलने की उम्मीद है, जो राजधानी के समग्र विकास और सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रारंभिक जीवन परिचय :--
रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के जींद जिले के जुलाना में हुआ था। उनके दादा, मनीराम जिंदल, जुलाना में आढ़तिया थे, जहां उनकी 'गंगाराम, काशीराम' नामक आढ़त की दुकान थी। उनके पिता, जयभगवान जिंदल, बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे, और माता, उर्मिला जिंदल, एक गृहिणी हैं। जब रेखा मात्र दो वर्ष की थीं, तब उनका परिवार दिल्ली स्थानांतरित हो गया, जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई।
रेखा गुप्ता की शादी:--
रेखा गुप्ता की शादी 28 जून 1998 को मनीष गुप्ता से हुई, जो स्पेयर पार्ट्स के व्यवसायी हैं और 'निकुंज एंटरप्राइजेज' के प्रोपराइटर हैं। उनके दो बच्चे हैं: बेटा निकुंज गुप्ता और बेटी हर्षिता गुप्ता। हर्षिता अपने पिता के साथ व्यवसाय में सक्रिय हैं, जबकि निकुंज अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं।
राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहते हुए, रेखा गुप्ता ने अपने परिवार का संतुलन बनाए रखा है। उनके पति मनीष गुप्ता ने हमेशा उनके राजनीतिक करियर में सहयोग किया है, जिससे उन्हें अपने सार्वजनिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिली है।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर छात्र जीवन से शुरू होकर दिल्ली की मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा है। उन्होंने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर छात्र राजनीति में कदम रखा। 1995-96 में, वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव चुनी गईं, और 1996-97 में अध्यक्ष पद संभाला।
2007 में, रेखा गुप्ता ने उत्तरी पीतमपुरा से नगर निगम पार्षद का चुनाव जीता और महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
भाजपा में, रेखा गुप्ता ने दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा की सचिव, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, और दिल्ली भाजपा की महासचिव जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2025 में, शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद, उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।
रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और नेतृत्व कौशल का प्रमाण है, जो उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए प्रदर्शित किया है।
रेखा गुप्ता ने 20 फरवरी 2025 को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिससे वे राजधानी की नौवीं और चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं। शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में आयोजित किया गया, जहां उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, रेखा गुप्ता ने अपने मंत्रिमंडल के साथ यमुना घाट पर आरती की, जो भाजपा के मेनिफेस्टो में यमुना की सफाई के वादे के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके पश्चात, उन्होंने सचिवालय में अपनी पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की।
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता और सुशासन को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है। उनकी नियुक्ति से दिल्ली की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हुई है, जहां महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन मिला है।
रेखा गुप्ता की सुझबुझ और नेतृत्व क्षमता:--
1. राजनीतिक रणनीति:
भाजपा की एक मजबूत नेता के रूप में, उन्होंने संगठन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले और दिल्ली की राजनीति में पार्टी को मजबूती दी।
एमसीडी चुनावों में उन्होंने भाजपा का नेतृत्व किया और अपनी रणनीति से पार्टी को फायदा पहुँचाया।
2. प्रशासनिक कुशलता:-
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया, जिससे पता चलता है कि वे जमीनी स्तर की समस्याओं को समझती हैं।
उन्होंने सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी, जिससे उनकी प्रशासनिक सुझबुझ झलकती है।
3. जनता से जुड़ाव:-
उन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को समझकर उनके समाधान निकालने की कोशिश की है।
महिला सशक्तिकरण और विकास कार्यों पर उनका विशेष ध्यान रहा है।
रेखा गुप्ता की छवि एक तेज़-तर्रार, जमीनी और जनहितैषी नेता की बनी हुई है। उनके राजनीतिक करियर और प्रशासनिक फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल एक मजबूत संगठनकर्ता हैं, बल्कि एक कुशल प्रशासक भी हैं
रेखा गुप्ता की सार्वजनिक छवि:--
सशक्त महिला नेता:--
रेखा गुप्ता को दिल्ली की राजनीति में एक सशक्त महिला नेता के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने भाजपा में महिला नेतृत्व को मजबूत किया और समाज में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया।
कुशल प्रशासक:--
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पारदर्शिता और सुशासन को प्राथमिकता दी।
उनकी योजनाएँ और फैसले दर्शाते हैं कि वे प्रशासनिक मामलों में निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं।
जमीनी जुड़ाव:--
जनता के मुद्दों को सुनना और समाधान निकालना उनकी छवि को जनता के करीब रखता है।
स्थानीय स्तर पर उनकी पकड़ मजबूत है, जो एमसीडी और विधानसभा चुनावों में स्पष्ट रूप से दिखा।
राजनीतिक रणनीतिकार:--
भाजपा की ओर से उन्हें दिल्ली में पार्टी को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने सफलता पूर्वक निभाया।
उनकी रणनीति और संगठनात्मक कौशल पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।
निर्णय लेने की क्षमता:--
मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद उन्होंने कई ठोस निर्णय लिए, जैसे यमुना सफाई अभियान और सरकारी निवासों के पुनर्निर्माण के फैसले।
उनकी यह छवि बनी है कि वे त्वरित और सख्त निर्णय लेने में सक्षम हैं।
नकारात्मक पहलू:
हर राजनेता की तरह उनकी छवि को लेकर भी कुछ विरोधाभास हो सकते हैं। उनके विरोधी उन्हें भाजपा की विचारधारा के अनुरूप कार्य करने वाली नेता बताते हैं और कुछ लोग उन्हें आक्रामक नेता के रूप में भी देखते हैं।
रेखा गुप्ता की छवि एक मजबूत, प्रभावशाली और जमीनी नेता की है, जो कुशल प्रशासन और राजनीतिक रणनीति में पारंगत हैं।