जन्म: | November 1638, Drumoak, United Kingdom |
मृत्यु: | October 1675, Edinburgh, United Kingdom |
जीवनसंगी: | Mary Jameson |
बच्चे: | Janet Gregory, Helen Gregory, James Gregory |
राष्ट्रीयता: | United Kingdom |
शिक्षा: | University of Padua, Marischal College, University of St Andrews, University of Aberdeen |
किताबें | रचनाएँ : | Gregorian telescope, Diffraction grating, Fundamental theorem of calculus, Gregory coefficients |
जेम्स ग्रेगरी
प्रख्यात गणितज्ञ और डिफरेंशियल व इंटीग्रल के विकास में अमूल्य योगदान करनेवाले जेम्स ग्रेगरी का जन्म एबरडीन, स्कॉटलैंड के पास ड्रमोक में नवंबर 1638 में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के पश्चात् मारिश्चल कॉलेज, एबरडीन से जेम्स ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
सन् 1663 में उन्होंने पहली पुस्तक लिखी, जिसमें परावर्तन करनेवाली दूरबीन का उल्लेख था। उन्होंने सूर्य से पृथ्वी की दूरी की गणना हेतु बुध व शुक्र के पथों के उपयोग का सुझाव दिया था। वे सन् 1664 से 1668 तक इटली में रहे और वहाँ पर गणितीय कार्य किया। सन् 1668 में वे स्कॉटलैंड स्थित सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर बने।
इटली में रहते हुए उन्होंने गणित संबंधी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने (पाई) के मानों का गहराई से अध्ययन किया तथा गोलाकार (सर्कुलर) तथा हाइपर बोलिक फंक्शनों के बीच संबंधों का अध्ययन किया। उन्होंने अनेक प्रमेयों की व्याख्या भी की। उन्होंने जॉन कॉलिंस (1625-83) के साथ सन् 1670-71 में जो पत्र-व्यवहार किया था, उससे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अनेक खोजें व विश्लेषण अपने उन समकालीनों से पूर्व ही कर लिये थे जिन्हें उनका श्रेय मिला था।
यही नहीं, जेम्स ग्रेगरी ने जो कार्य किए उनमें बाइनोमियल सीरीज, इंटरपोलेशन फॉर्मूला आदि शामिल हैं।
दुर्भाग्यवश इससे पूर्व कि जेम्स ग्रेगरी आगे बढ़ते तथा लोकप्रिय होते अक्तूबर 1675 में उनका निधन हो गया।