महर्षि कणाद

महर्षि कणाद

महर्षि कणाद

राष्ट्रीयता: Indian

किसी का कहना है कि कण अर्थात् परमाणु तत्व का सूक्ष्म विचार इन्होंने किया है, इसलिए इन्हें "कणाद" कहते हैं।

परमाणु सिद्धांत के जनक कणाद के जन्म के बारे में स्पष्ट ज्ञान नहीं है। उन्होंने अपने गहन चिंतन व अनुसंधान के बाद बतलाया था कि पदार्थ सूक्ष्म कणों से बना है, जो अविभाज्य हैं। उनके अनुसार, यदि पदार्थ को बार-बार विभाजित किया जाए तो एक स्थिति ऐसी आएगी, जब वह आगे विभाजित नहीं होगा। वह सूक्ष्म कण परमाणु कहलाता है। उन्होंने यह भी बताया था कि परमाणु स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकते हैं और उन्हें नष्ट भी नहीं किया जा सकता है। अलग-अलग पदार्थों के परमाणु भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। पृथ्वी (मिट्टी), जल, वायु के परमाणु अलग-अलग प्रकार के होते हैं। 

कण सिद्धान्त

भौतिक जगत की उत्पत्ति सूक्ष्मातिसूक्ष्म कण परमाणुओं के संघनन से होती है- इस सिद्धांत के जनक महर्षि कणाद थे।

कणाद के अनुसार, परमाणु एक-दूसरे से संयुक्त हो सकते हैं। गरम करने से परमाणुओं के गुण बदलते हैं। संसार में जो कुछ भी दिखाई देता है, वह परमाणुओं की विभिन्नता व विचित्रता के कारण होता है। जन्म की भाँति कणाद की मृत्यु के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।


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