जन्म: | 1340 |
मृत्यु: | 1400 |
राष्ट्रीयता: | Indian |
धर्म : | Hindu |
शिक्षा: | गणितज्ञ |
किताबें | रचनाएँ : | लीलावती (कर्म-प्रदीपिका) |
नारायण पंडित
प्रख्यात गणितज्ञ नारायण पंडित का जन्म अनुमानों के अनुसार, सन् 1340 के आस- पास हुआ था।
उन्होंने अर्थमिति पर आधारित अपनी प्रसिद्ध रचना का सृजन सन् 1356 में किया था, जिसका शीर्षक था ‘गणित कौमुदी’।
नारायण पंडित का कृतित्व अपने पूर्ववर्ती गणितज्ञ भास्कराचार्य द्वितीय से काफी प्रभावित रहा था।
उन्होंने भास्कराचार्य की रचना ‘लीलावती’ पर आधारित एक टीका लिखी थी, जिसका शीर्षक था ‘कर्म-प्रदीपिका’ नारायण पंडित एक अद्भुत विद्वान् थे
और उन्होंने संख्याओं का वर्ग निकालने की सात विधियाँ बतलाई थीं, जो कि अनोखी थीं। उन्होंने त्रिभुजों व चतुर्भुजों से संबंधित अनेक नियम प्रतिपादित किए। वर्गमूलों की गणना हेतु नियम विकसित करनेवाले नारायण पंडित ने जादुई चतुर्भुजों का भी विवरण दिया।
वास्तव में, गणित उनके लिए एक खेल था और वे लगातार खेलते रहते थे। अनुमानों के अनुसार,
उनका निधन सन् 1400 के आस-पास हुआ था।