पैरासेल्सस

पैरासेल्सस

पैरासेल्सस

जन्म: 17-10-1493 (आइंसौडेल्न, स्विट्सरलैंड)
मृत्यु: 24-09-1541 (ऑस्ट्रिया)
पिता: विल्हेम वॉन होहेनहाइम

पैरासेल्सस का जन्म 17 दिसंबर, 1493 को ज्यूरिख स्विट्जरलैंड के पास मारिया आइजेनसेडेन नामक स्थान पर हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में नहीं के बराबर जानकारी है।

उनके पिता का नाम विल्हेम वॉन होहेनहाइम था। वे एक चिकित्सक थे तथा पहले मारिया आइजेनसेडेन में प्रैक्टिस करते थे। बाद में विलैक कैरिथिया में प्रैक्टिस करने लगे। सन् 1514 में वे टायरोल की खानों व कारखानों में काम करने गए और वहाँ पर उन्होंने एक कीमियागीर के साथ भी काम किया। इस क्रम में उन्हें रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा रसायनों की अदल-बदल का अनुभव प्राप्त हुआ।

पैरासेल्सस का वास्तविक नाम थियोफ्रेस्टस बोमबास्टक वॉन होहेनहाइम था। अपने पिता के साथ जगह-जगह घूमने व कीमियागीरी का ज्ञान पाने के बाद उन्होंने यूरोप में दूर-दूर तक यात्राएँ कीं और उस क्रम में रूस तथा अन्य पूर्वी भागों तक गए। उन्होंने सेना में सर्जन के रूप में भी सेवा की। अंततः वे सन् 1526 में स्ट्रॉसबर्ग में बस गए। उन्हीं दिनों उन्होंने अपने उपचार से फ्रोबेनस को ठीक कर दिया, जो बेसल में एक छापाखाना चलाता था और श्रेष्ठ विद्वानों का मित्र था।

इस कारण उन्हें श्रेष्ठ चिकित्सकों में से एक गिना जाने लगा। अब वे प्राचीन पद्धति के स्थान पर रसायनों के प्रयोग से उपचार करने लगे। पर शीघ्र ही एक विवाद में फँस जाने के कारण उन्हें दो वर्षों में ही बेसल शहर छोड़कर जाना पड़ा।

वे यूरोप में दर-दर भटकते रहे और फिर साल्जबर्ग में उन्हें शरण मिली। यहाँ पर उन्हें बावरिया के ड्यूक का संरक्षण मिला, जो स्वयं कीमियागीरी में गहरी रुचि रखता था। पर अपनी बुरी आदतों, जैसे अनावश्यक बोलना, शराब पीना आदि के कारण पैरासेल्सस को समाज में वह स्थान नहीं मिल पाया। लोगों ने भी उन्हें सही परिप्रेक्ष्य में नहीं समझा। पर उनका वास्तविक योगदान कम नहीं था। 

उनसे पूर्व तक कीमियागीरी का उद्देश्य अन्य धातुओं को स्वर्ण में बदलने का प्रयास था, जो कि निरर्थक था। पैरासेल्सस ने कीमियागीरी को एक नई राह दी और उसके माध्यम से औषधीय उत्पाद तैयार करवाने प्रारंभ किए। इसके अलावा पहले लोग अज्ञात मिश्रणों का उपयोग करते थे और अँधेरे में तीर चलाने का प्रयास करते थे। पर पैरासेल्सस ने शुद्ध यौगिकों का प्रयोग प्रारंभ किया और रासायनिक यौगिकों की संरचना को समझने की प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त किया। पैरासेल्सस एक उत्कृष्ट लेखक थे और उन्होंने 300 से अधिक रचनाएँ तैयार कीं। 

हालाँकि उनमें से कुछ को लोग उनका नहीं मानते हैं, पर फिर भी शेष कम नहीं हैं और इनमें से एक-तिहाई रसायन-शास्त्र से संबंधित हैं। ये बेसल में सन् 1589-90 में प्रकाशित हुई थीं। चिकित्सा संबंधी रसायन-शास्त्र के जनक का साल्जबर्ग, ऑस्ट्रिया में 24 सितंबर, 1541 को निधन हो गया।

Share on Social Media:-