जन्म: | सन् 1553 मेरोस्टिका, इटली |
राष्ट्रीयता: | इटालियन |
शिक्षा: | वनस्पति-शास्त्री |
प्रोस्पेरो अल्पीनि
उत्कृष्ट चिकित्सक व वनस्पति-शास्त्री प्रोस्पेरो अल्पीनि का जन्म इटली के मेरोस्टिका नामक स्थान में सन् 1553 में हुआ था। इनके प्रारंभिक जीवन के बारे में भी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने पादुआ से चिकित्सा-विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सन् 1580 से 1583 तक यूनानी द्वीप-समूहों पर व मिस्र की यात्रा की।
उन्हें काहिरा में वेनेशियत कांसुल जियोर्जियो इमो का चिकित्सक नियुक्त किया गया। उनकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए सन् 1593 में उन्हें पादुआ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी नियुक्त किया गया और साथ ही वहाँ के बोटैनिकल गार्डन का निदेशक भी नियुक्त किया गया। अल्पीनि ने वहाँ पर अनेक मिस्री मूल के पौधे रोपवाए। अपने प्रयोगों में प्राप्त अनुभवों को उन्होंने अपनी पुस्तकों में कलमबद्ध किया। उनके प्रकाशित कार्य में मिस्र में प्राप्त अनुभवों का विस्तृत वर्णन है।
उन्होंने अनेक पौधों की लकडि़यों को विभिन्न कोणों से काटा और उसके भिन्न भागों के स्वरूपों में अंतर आदि को समझाया। यह प्रयोग उन्होंने 50 से अधिक मिस्री पौधों पर किया। वे पश्चिम के प्रथम वनस्पति-शास्त्री थे, जिन्होंने कृत्रिम रूप से पौधे उगाए। उन्होंने ही पहले-पहल कॉफी के पौधों को काहिरा में देखा था और इसका वर्णन करनेवाले वे पहले यूरोपीय लेखक बने। उन्होंने एक चिकित्सक के रूप में मध्य-पूर्व की बीमारियों का गहराईपूर्वक उपयोगी अवलोकन किया और अपनी पुस्तक में मिस्र की चिकित्सकीय विधियों का वर्णन किया। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान के अन्य पहलुओं पर भी पुस्तकें लिखीं और वे लोकप्रिय हुईं। कालांतर में उनकी पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद हुआ। सन् 1617 में इस महान् वैज्ञानिक का पादुआ में निधन हो गया।