जन्म: | 1175 ईस्वी. |
मृत्यु: | 09-10-1253 |
श्रेष्ठ गणितज्ञ, दार्शनिक व राजनेता रॉबर्ट ग्रोसटेस्टे का जन्म सन् 1175 में इंग्लैंड के एक स्थान स्ट्रेडब्रुक में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लिंकन में हुई थी और बाद में पढ़ने के लिए वे ऑक्सफोर्ड भी गए।
यह अनुमान है कि उन्होंने ऑक्सफोर्ड में पढ़ाया भी होगा। सन् 1209 से पूर्व वहाँ पढ़ाने के अलावा यह माना जाता है कि उन्होंने पादरी की शिक्षा ऑक्सफोर्ड या पेरिस से पूरी की।
सन् 1221 से पूर्व 6 वर्ष तक वे ऑक्सफोर्ड के चांसलर (मास्टर) भी रहे। उन्होंने उस समय विभिन्न प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया। उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया और उनके छात्र बाद में अनेक जिम्मेदारियों के पदों पर आए।
ग्रोसटेस्टे ने अरस्तू द्वारा विकसित विभिन्न विज्ञान विषयों का गहन अध्ययन किया। उन्होंने अरस्तू द्वारा विकसित भौतिकी पर विस्तार से लिखा और कैलेंडर में जो सुधार किए, वे मौलिक थे।
वे एक उत्कृष्ट लेखक थे। उन्होंने प्राचीन यूनानी ग्रंथों व रचनाओं का अनुवाद भी किया और उनकी व्याख्या भी की। ध्वनि, ताप, ऑप्टिक्स आदि पर उन्होंने विस्तार से लिखा। इंद्रधनुष की व्याख्या उन्होंने पूरी कुशलता से की तथा प्रकाश का अध्ययन उनका सर्वप्रिय विषय था। अगस्टीन के विचारों को मानते हुए उन्होंने कल्पना की थी कि भौतिक प्रकाश व आध्यात्मिक प्रकाश एक जैसे ही हैं और इनमें हमारा मस्तिष्क जो ज्ञान पाता है वह अपने वास्तविक रूप में होता है। उन्होंने अरस्तू की ही भाँति तथ्य व तथ्य के कारण में अंतर स्पष्ट किया था।
वह युग परिवर्तन का युग था और नए-नए विचार उमड़ रहे थे। ग्रोसटेस्टे ने तर्क रखा कि प्राकृतिक दर्शन के क्षेत्र में कारणों को गणितीय रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने यह माना था कि प्रकाश पहली चीज (द्रव्य या ऊर्जा) है, जो कि उत्पन्न हुई। यह पहले बिंदु के रूप में उत्पन्न हुई और फिर इसने गोलाकार रूप धारण किया। इसी से हर चीज को आकार मिला और यही उत्पत्ति का कारण है।
वे यह भी मानते थे कि प्रकाश की सभी गतिविधियाँ प्राकृतिक नियमों के आधार पर होती हैं। इस कारण ऑप्टिक्स एक मौलिक विज्ञान विषय है। वे मानते थे कि इसका कभी अंत नहीं होगा। रोजर बेकन भी रॉबर्ट ग्रोसटेस्टे से प्रभावित हुए और पश्चिम में वैज्ञानिक परंपरा का उदय हुआ। ग्रोसटेस्टे ने इसलामिक ग्रंथों व रचनाओं का भी अध्ययन किया और इस कारण अनेक त्रुटियाँ उनके विचारों व रचनाओं को प्रभावित कर गईं। इसलामिक रचनाओं का प्रभाव उनके धूमकेतुओं व तारों की उत्पत्ति संबंधी लेखन में है।
रॉबर्ट ग्रोसटेस्टे आजीवन उच्च पदों का दायित्व निभाते रहे और कार्य करते हुए बकडेम, बकिंघमशायर में 9 अक्तूबर, 1253 को उनका निधन हो गया।