
राव जोधा राठौड़
(राव जोधा राठौड़)
जन्म: | मंडोर (वर्तमान जोधपुर, राजस्थान) |
मृत्यु: | 6 अप्रैल 1489, जोधपुर |
पिता: | राव रणमल |
बच्चे: | पुत्र राव बीका और राव सुजा |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
धर्म : | हिन्दू |
जीवन परिचय :--
राव जोधा (1416–1489) मारवाड़ (जो अब राजस्थान में है) के राठौड़ वंश के शासक और जोधपुर शहर के संस्थापक थे। वे राठौड़ वंश के प्रमुख शासक राव रणमल के पुत्र थे और 1459 में उन्होंने जोधपुर की स्थापना की।
राव जोधा का शासन और उपलब्धियाँ:--
जोधपुर की स्थापना (1459) – मेहरानगढ़ किले का निर्माण करवाया, जो आज भी जोधपुर का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है।
मारवाड़ राज्य का विस्तार – उन्होंने अपने शासनकाल में मारवाड़ राज्य की सीमाओं का विस्तार किया और इसे मजबूत बनाया।
मालदेव और गुजरात के सुल्तानों से संघर्ष – उन्होंने अपने राज्य को बाहरी आक्रमणों से बचाया और सत्ता को मजबूत किया।
राठौड़ वंश का पुनरुत्थान – उन्होंने अपने वंश को एक सशक्त राजवंश के रूप में स्थापित किया, जो आगे चलकर राजस्थान में प्रमुख शक्ति बना।
राव जोधा की दूरदृष्टि और प्रशासनिक कुशलता के कारण जोधपुर न केवल एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बना, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी समृद्ध हुआ।
राव जोधा का जीवन परिचय :--
पूरा नाम: राव जोधा राठौड़
जन्म: 28 मार्च 1416, मंडोर (वर्तमान जोधपुर, राजस्थान)
पिता: राव रणमल
वंश: राठौड़ वंश
शासनकाल: 1438 – 1489
मृत्यु: 6 अप्रैल 1489, जोधपुर
राजगद्दी प्राप्ति:--
राव जोधा के पिता, राव रणमल, मेवाड़ (चित्तौड़) के महाराणा मोकल के संरक्षक और सेनापति थे। जब महाराणा मोकल की हत्या हुई, तो उनके पुत्र कुंभा गद्दी पर बैठे। राणा कुंभा और राव रणमल के बीच मतभेद हो गए, जिसके कारण 1438 में राणा कुंभा ने राव रणमल की हत्या कर दी और राठौड़ों को मेवाड़ से बाहर निकाल दिया।
राव जोधा ने अपने भाइयों और समर्थकों के साथ संघर्ष किया और अंततः मारवाड़ पर पुनः अधिकार कर लिया। 1438 में वे मारवाड़ के शासक बने और राजधानी मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित की।
जोधपुर की स्थापना (1459) :--
राव जोधा ने 1459 में जोधपुर नगर की स्थापना की और वहाँ मेहरानगढ़ किले का निर्माण शुरू कराया। यह किला एक मजबूत दुर्ग के रूप में बना, जिससे मारवाड़ की सुरक्षा बढ़ी।
राज्य विस्तार एवं युद्ध :--
राव जोधा ने मारवाड़ की सीमाओं का विस्तार किया और इसे एक सशक्त राज्य बनाया।
उन्होंने गुजरात और मालवा के सुल्तानों से कई युद्ध किए और अपने राज्य को सुरक्षित रखा।
उन्होंने आसपास के क्षेत्रों को अपने अधिकार में लेकर एक शक्तिशाली साम्राज्य की नींव रखी।
मृत्यु और उत्तराधिकारी :--
राव जोधा की मृत्यु 6 अप्रैल 1489 को हुई। उनके बाद उनके पुत्र राव बीका और राव सुजा ने उनके साम्राज्य को आगे बढ़ाया। राव बीका ने आगे चलकर बीकानेर की स्थापना की।
राव जोधा एक महान योद्धा, रणनीतिकार और दूरदर्शी शासक थे। उनके शासनकाल में मारवाड़ न केवल सुरक्षित हुआ, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी समृद्ध हुआ। जोधपुर आज भी उनकी स्मृति में "सूर्य नगरी" और "ब्लू सिटी" के रूप में प्रसिद्ध है।
राव जोधा के प्रमुख युद्ध :--
राव जोधा (1416–1489) ने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े, जिनमें से प्रमुख युद्ध उनके राज्य के विस्तार और सुरक्षा से जुड़े थे।
1. मेवाड़ के राणा कुंभा से संघर्ष (1438):--
राव जोधा के पिता राव रणमल मेवाड़ के शासक राणा मोकल के संरक्षक थे।
राणा मोकल की हत्या के बाद, उनके पुत्र राणा कुंभा सत्ता में आए।
राणा कुंभा और राव रणमल के बीच मतभेद हो गए, जिसके कारण 1438 में राणा कुंभा ने राव रणमल की हत्या कर दी और राठौड़ों को मेवाड़ से निष्कासित कर दिया।
परिणाम:
राव जोधा और उनके भाइयों को मेवाड़ छोड़ना पड़ा।
उन्होंने मारवाड़ की ओर कूच किया और वहाँ अपनी शक्ति पुनः संगठित की।
2. मंडोर पर अधिकार और मारवाड़ की पुनः विजय (1438-1453):--
राणा कुंभा ने राठौड़ों को मारवाड़ से निकालकर वहाँ अपनी सत्ता स्थापित करने की कोशिश की।
राव जोधा ने अपने वंश की सत्ता पुनः स्थापित करने के लिए संघर्ष शुरू किया।
युद्ध एवं परिणाम:
15 वर्षों तक राव जोधा ने संघर्ष किया और 1453 में मंडोर पर विजय प्राप्त की।
मारवाड़ पर फिर से राठौड़ों का अधिकार स्थापित हुआ।
इसके बाद उन्होंने जोधपुर की स्थापना (1459) की और मेहरानगढ़ किले का निर्माण शुरू कराया।
3. गुजरात के सुल्तान महमूद बेगड़ा से युद्ध :--
गुजरात के सुल्तान महमूद बेगड़ा ने मारवाड़ पर अधिकार करने के लिए आक्रमण किया।
राव जोधा ने अपने राज्य की रक्षा के लिए गुजरात की सेना का मुकाबला किया।
परिणाम:
राव जोधा ने बहादुरी से गुजरात के आक्रमणों का प्रतिरोध किया।
मारवाड़ की स्वतंत्रता बनी रही और गुजरात की सेना को वापस लौटना पड़ा।
4. मालवा के सुल्तानों से संघर्ष :--
मालवा के सुल्तान मारवाड़ के पश्चिमी क्षेत्र पर कब्जा करना चाहते थे।
राव जोधा ने अपने राज्य को बचाने के लिए युद्ध किया।
परिणाम:
राव जोधा ने अपनी शक्ति और कुशल रणनीति से मालवा के सुल्तान को हराया।
मारवाड़ की सीमाएं सुरक्षित रहीं।
5. जोधपुर की स्थापना के समय आसपास के छोटे राजाओं से युद्ध (1459 के बाद) :--
जब राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की, तब आसपास के छोटे-छोटे राजाओं ने इसका विरोध किया।
उन्होंने कई क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में लाने के लिए युद्ध किए।
परिणाम:
राव जोधा ने अधिकांश शत्रुओं को हरा दिया और मारवाड़ को एक शक्तिशाली राज्य बना दिया।
जोधपुर राज्य की सीमाएं विस्तृत हुईं और यह एक मजबूत केंद्र बन गया।
निष्कर्ष :--
राव जोधा एक कुशल योद्धा और रणनीतिकार थे। उन्होंने अपने शासनकाल में कई युद्ध लड़े और मारवाड़ की शक्ति को पुनः स्थापित किया। उनकी वीरता और दूरदर्शिता के कारण ही जोधपुर राज्य एक मजबूत और स्वतंत्र शक्ति बना।